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आंदोलन

आंदोलन

जब हम सितार या तानपुरे पर बंधे हुए तारो को स्पर्श करते है तो वे कांपते हुए ऊपर नीचे जाते है 

जब दो वस्तुए आपस में स्पर्श करती है तो रगड़ खा के कम्पित होती है 

कम्पन से ध्वनि उत्पन्न होती है वह चाहे मधुर या अमधुर हो 

कम्पन जब होता है तो तो वह वस्तु जागृत हो जाती है उसमे आंदोलन उठता है 

संगीत में उसी कम्पन को आंदोलन कहते है 

चाहे आंदोलन कहो या कम्पन जब भी होता है तो ध्वनि उत्पन होती है 

जब हम सप्तक में मध्य सप्तक से ऊपर जाते है तो आंदोलन की संख्या अर्थात आवाज़ ज़्यादा देर तक रहती है 

जब मध्य से मन्द्र सप्तक में आते है तो आवाज़ भरी और काम आंदोलन वाली हो जाती है 

वैज्ञानिको द्वारा ऐसे ही आंदोलन को मापा जाता है 

आंदोलन के भी दो प्रकार होते है –

नियमित और अनियमित आंदोलन 

स्थिर और अस्थिर आंदोलन

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