दाहिने तबले के अंग
frank hu music bohot pasand h understanding hu passionate hu,…
आप सब जानते है की तबला दो भागो में बटा होता है व् इसके दोनों भागो में कई सारे अंग होते है
दाये तबले को चांटी व् बाए तबले को डग्गा कहा जाता है
दाहिने तबले में नौ अंग होते है जिनके नाम व् परिभाषा इस प्रकार है
लकड़ी – यह अधिकतर कटहल, आम, सागोन, की लकड़ी होती है जो अंदर से खोखली होती है इसकी आकृति गोल होती है
ऊपरी गोलाई छ व् निचली गोलाई नौ इंच होती है इसकी उचाई एक फुट होती है
पूड़ी – लकड़ी के मुँह पर लगे हुए पुरे चमड़े को पूड़ी कहते है यह बकरे की खाल की होती है और बद्दी से कसी होती है
गजरा – पूड़ी के चारो तरफ चमड़े की मोती माला होती है जिसे गजरा कहते है
चांटी – पूड़ी की किनारे किनारे अंदर की और लगे हुए चमड़े की पट्टी को चांटी कहते है
स्याही – पूड़ी के बीचो बिच काले गोले को स्याही कहते है यह काले मसाले से बनाई जाती है
लव – चांटी व् स्याही के बिच बचे भाग को लव कहते है
बद्दी – गजरे के बिच से जाने वाली चमड़े की लम्बी लम्बी पट्टियों को बद्दी कहते है
गट्टा – दाहिने तबले में लकड़ी के तीन इंच के आठ टुकड़े होते है जिन्हे गट्टा कहते है
गुडरी – पट्टियों को एक अलग पट्टी द्वारा निचे से कसा जाता है जिससे तबला खड़ा भी रहता है गुडरी कहलाती है
What's Your Reaction?
frank hu music bohot pasand h understanding hu passionate hu, Books phdna sports khelna traveling hobby h