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भजन व् गीत

भजन व् गीत

 

भजन और गीत मानव जीवन का अभिन्न अंग है 

भजन में व्यक्ति संगीत के द्वारा भगवान् का गुणगान करते है 

जैसे हिन्दू आरती, चालीसा, का प्रयोग करते है उसी प्रकार सिख शबद, गुरबाणी, व् मुस्लिम कव्वाली व् क्रिस्चन प्रार्थना का प्रयोग करते है 

अर्थात भगवान को समर्पित किसी भी प्रकार का संगीत भजन कहलाता है 

गीत भजन से अलग है क्योकि भजन में आप सिर्फ भगवान् की आराधना करते है 

परन्तु गीत हर विषय पर लिखे व् गाये जाते है उदाहरण ऋतुओ में सावन के गीत, देशभक्ति के गीत, त्योहारों के गीत, साहित्य आधारित गीत,

विवाह के गीत, छोटे बच्चो के विद्यालयों के गीत इत्यादि 

संगीत में भजन और गीत में बहुत अधिक समानताये भी पायी जाती है 

दोनों में राग का बंधन नहीं होता ये किसी एक राग पर आधारित नहीं होते 

भजन और गीत में शब्दो व् गायन रचना को खूबसूरत बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाता है 

भजन और गीत व्यक्ति को एक सुकून, सरलता, व् प्रेम, का भाव देते है जिससे वह एक खूबसूरत जीवन महसूस करता है 

भजन व् गीत मुख्यत कहरवा, दादरा, झपताल, तीनताल इत्यादि में होते है   

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