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राग व् जातिया

राग व् जातिया

 

स्वर राग का आधार है अर्थात स्वरों की सहायता से राग निर्मित किये जाते है 

अपने मन के भावो जैसे दुःख, ख़ुशी, प्रेम, क्रोध को राग का प्रयोग करके गायन कला द्वारा प्रदर्शित किया जाता है 

शास्त्रीय संगीत में लगभग 4884 राग उपलब्ध है 

प्रत्येक राग का अपना गायन का समय होता है जिससे अपने समय पर गाये जाने पर राग का भाव व् खूबसूरती निखार के आती है 

राग की तीन जातिया होती है 

आडव

षाडव

सम्पूर्ण 

राग कम से कम पांच व् अधिक से अधिक सात स्वरों के समूह से निर्मित होता है 

पांच स्वरों वाले रागो की जाति आडव होती है   

छह स्वरों वाले रागो की जाति षाडव होती है 

सात स्वरों वाले रागो की जाति सम्पूर्ण जाति कहलाती है 

राग के आरोह व् अवरोह में जितने स्वर हो,  उसकी जाति उन स्वरों की संख्या ही बताती है 

उदाहरण के लिए यदि एक राग के आरोह में पांच व् अवरोह में सात स्वर है तो उस राग की जाति आडव सम्पूर्ण कहलाएगी 

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