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संगीत और जीवन

संगीत और जीवन

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हम जानते है संगीत से मानव का एक अलग रिश्ता रहा है 

जीवन के हर पल हर घड़ी हर भाव में संगीत शामिल है 

संगीत भगवान् की देन है जो एक उपहार के तोर पैर मानव को दिया गया है 

संगीत में राग प्रधान है रागो में हर रस उपलब्ध है

रस का मतलब यहाँ भाव से है जैसे ख़ुशी, दुःख, उत्सुकता, प्रेम, दया, इत्यादि 

बच्चे के जन्म में बहार आने की ख़ुशी होती है 

विवाह में भी शुभारम्भ की शहनाई बजायी जाती है 

किसी की मृत्यु होने पर भी दुःख भरे गंभीर राग गए व् बजाए जाते है 

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मानव जीवन ही संगीत के बिना अधूरा है 

त्योहारों में गीतों से लेकर जीवन, ऋतू, आधारित कविताओं में भी संगीत विद्यमान है 

भगवान की आराधना के लिए भी संगीत का ही प्रयोग सदियों से किया जारहा है व् भगवान से मिलने व् मन जोड़ने का यह सबसे सरल पथ भी है

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