सप्तक व् प्रकार
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हम सब जानते है कि संगीत में सात स्वर होते है पर वे होते कहा है और हम उन्हें पहचान कैसे सकते है
सा, रे, ग, म, प, ध, नी, इन सात स्वरों से एक सप्तक बनता है
सप्तक का मतलब ही यही होता है सात स्वरों वाला या सात स्वरों का समूह
हम हारमोनियम को यदि देखे तो हम सप्तक को स्पस्ट देख सकते है
परन्तु हारमोनियम में तो एक जैसे कम से कम तीन सप्तक होते है
क्योकि संगीत में सप्तक के तीन प्रकार होते है
1।मंद्र
2।मध्य
3।तार
प्रत्येक सप्तक में 12 बटन होते है जिसे दबाने से अलग अलग स्वरों की ध्वनिया निकलती है व् 13 वे बटन से अगला सप्तक शुरू हो जाता है
मन्द्र सप्तक के स्वरों की नीचे व् तार सप्तक के स्वरों के ऊपर छोटा गोला या बिंदी लगाई जाती है जिससे इनकी पहचान हो सके
इन तीनो सप्तकों का प्रयोग गायकार अपने रियाज़ व् कलाप्रदर्शन के लिए करते है
अंत हम कह सकते है कि पूरा शास्त्रीय गायन संगीत इन्ही तीनो सप्तकों में समाया हुआ है
सामान्य गायकर अधिकतर मध्य सप्तक में गाते है व् मंदर सप्तक का भी थोड़ा प्रयोग करते है
ऊचा गाने वाले मध्य व् तार सप्तक में गाते है
मंदर सप्तक सुबह के रियाज़ में अधिक उपयोगी होता है क्योकि यह गले में स्वरों के ठहराव व् आधार बनाता है
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