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सूरदास जीवन परिचय

सूरदास जीवन परिचय

 

1.ये एक प्रसिद्ध कवि थे 

2.इनका जन्म रुनकता नामक ग्राम यह गाँव मथुरा-आगरा मार्ग के किनारे स्थित है में 1540 ईo में पंडित रामदास जी के घर हुआ जो सारस्वत ब्राह्मण थे

3.सूरदास का नाम मदन मोहन था वे एक सूंदर युवक थे वे रोज़ नदी किनारे जा के बैठते और गीत लिखते थे 

4.एक दिन वह एक सूंदर युवती को उन्होंने कपडे धोते हुए देख लिया था उस पर मोहित होगये 

5.वे उस युवती से काफी बाते किया करते थे 

6.जब यह बात रामदास जी को पता चली तो वे बहुत क्रोधित हुए तथा सूरदास को घर से जाने को कह दिया 

6.काफी दिन बीत गए सूरदास उस युवती से नहीं मिल पाए जब उन्होंने देखा की उस युवती की शादी हो गयी तो वे बहुत दुखी हो गए फिर उस युवती के घर जा के उन्होंने अपनी आँखों में गरम सलाखे डाल ली फिर मदन मोहन सूरदास बन गए 

7.उसके बाद सूरदास आगरा के समीप गऊघाट पर रहते थे। वहीं उनकी भेंट श्री वल्लभाचार्य से हुई और वे उनके शिष्य बन गए

8.अपने गुरु की तरह वे भी कृष्ण भक्ति में लीं हो गए 

9.सूरदास जी कुछ देख नहीं सकते थे परन्तु गोबर्धन पर्वत पर हर सुबह वे कृष्ण जी की मूर्ति क आगे एक भजन गाते जिसमे वे उनके रोज़ धारण किये गए रूप का वर्णन करते थे 

10.इनके काव्य, पद, गीत, दोहे, सभी श्री कृष्ण को समर्पित है 

11.घर से अलग होने के बाद उन्होंने अपना पूरा जीवन श्री कृष्ण भक्त को समर्पित कर दिया  महा ऋषियों के ग्रंथो में भी सुरदस जी का वर्णन एक अतभुद कृष्ण प्रेमी क रूप में वर्णित है 

12.इनकी मृत्यु गोवर्धन के निकट पारसौली गांव में 1587 के आसपास  हुई

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