स्वर व् प्रकार
frank hu music bohot pasand h understanding hu passionate hu,…
भारतीय शास्त्रीय संगीत में सात स्वरों का प्रयोग होता है सा, रे, ग, म, प, ध, नी, यह स्वर शास्त्रीय संगीत का आधार है
यदि हम कहे की संगीत में सात नहीं बारह स्वर होते है तो आप यह सोचेंगे की यह किस प्रकार संभव है
संगीत में स्वरों के भी तीन प्रकार होते है
शुद्ध स्वर
कोमल स्वर
तीव्र स्वर
इनकी परिभाषाये इस प्रकार है
शुद्ध स्वर – संगीत के पहले सात स्वर जो आप जानते है सा, रे, ग, म, प, ध, नी, ये स्वर अपनी ध्वनि की शुद्धता व् स्पस्टता के कारण शुद्ध स्वर कहलाते है और ये इसी तरह सामान्य रूप लिखे भी जाते है
कोमल स्वर – ये वह स्वर है जो अपने स्थान से थोड़ा निचे या कहे की थोड़ी गंभीर प्रकृति में बोलते है रे, ग, ध, नी, केवल ये 4 स्वर ही कोमल है कोमल स्वर की पहचान स्वरों के नीचे लगी सीधी रेखा से की जा सकती है
तीव्र स्वर – सात स्वरों में केवल एक स्वर म ही ऐसा स्वर है जो तीव्र है तीव्र स्वर अपने स्थान से थोड़ा तेज़ या तीखा बोलता है तीव्र स्वर की पहचान स्वर पर खड़ी रेखा से होती है
सात शुद्ध चार कोमल व् एक तीव्र स्वर को मिलकर ही हमे बारह स्वरों की प्राप्ति हुई है
इन सभी स्वरों से दसो थाटों का व् थाटों से रगो का जन्म हुआ है
What's Your Reaction?
frank hu music bohot pasand h understanding hu passionate hu, Books phdna sports khelna traveling hobby h